आप उन खबरों को भूले तो नहीं होंगे, जिनमें ई-मेल के माध्यम से ठगने की घटनाएं प्रकाश में आई थीं। लेकिन, आने वाले दिनों में ठगी के ऐसे प्रकरण सामने आए, जिनका कारण मोबाइल का इन-बॉक्स रहा हो, जो कोई आश्चर्य नहीं। कारण, जिस तरह के मेल ई-मेल पर मिलते रहे हैं, उसी तरह के संदेश अब मोबाइल पर आने शुरू हो गए हैं।
कॉग्रेच्यूलेशन योअर मोबाइल नंबर हेव वॉन 1 मिलियन पोन्ड्स. अगर आपके मोबाइल पर इस तरह के मेसेज आए, तो हो जाइए सावधान! क्योंकि, आपको ठगने के लिए बिछाया जा रहा है जाल। अगर आप पड़े इनके चक्कर में फंस गए इनके जाल में तो बैठे-बिठाए ठगे जाएंगे और फिर सिर पिटने के सिवा कोई चारा नहीं होगा।
दरअसल, इन दिनों लोगों के मोबाइल पर ऐसे मेसेज आ रहे हैं, जिनमें जबरजस्त राशि किसी कंपनी के ड्रॉ में जिताने की बात कही होती है। मेसेज के बाद लिखा होता है किसी कॉन्टेक्ट पर्सन का नाम साथ में हो होता है ई-मेल आईडी या दी होती है कोई वेबसाइट।
आप सोच सकते हैं कि मेरी तो किस्कत चमक गई। ऐसा मैसेज पड़ते ही आप खुश हो सकते हैं कि आपके नाम कोई लॉट्री लग गई है, जबकि हकीकत कुछ ओर होती है। आप इन मैसेजेस पर फिर से गौर फरमाएं। इनमें लिखा होता है आपके मोबाइल ने एक मिलीयन डॉलर या पान्ड जीता है, ध्यान दीजिएगा लिखा होता है आपके मोबाइल ने। याने कि जो राशि जीती है वह आपके मोबाइल ने जीती है, इससे स्पष्टङ्ढ है कि सामने वाला आपको नहीं जानता है, आपके मोबाइल नंबर को जानता है। आप खुद सोचिए बिना जान पहचान के कोई क्यों आपको राशि देगा।
मेसेज में क्लेम करने के लिए एक संपर्क सूत्र होता है और जब आप संपर्क सूत्र पर क्लेम करेंगे, तो आपसे आपके बारे में जानकारी मांगी जाएगी। मांगी जाने वाली जानकारी में आपको नाम, घर का पता, शिक्षा, फोन नंबर व एक आईडेन्टी फ्रुफ मांगा जाता है।
जब आप ये भेज देंगे तो आपको कहा जा सकता है कि आपका ईनाम आपको भिजवाया जा रहा है अलां-अलां कॉरियर से। आपको कॉरियर कंपनी में पैसे जमा करने के लिए कहा जा सकता है वह रकम बहुत ज्यादा होगी, लेकिन आप ईनाम के लालच में देने की सोच भी दे सकते हैं।
या दूसरा तरिका हो सकता है आपको हाथो हाथ ईनाम देने का। याने आप आइए और ड्रॉ की राशि ले जाइए। जब आपको यह ऑफर मिले तो शक की कोई गुंजाइश न हो, लेकिन सावधान जब आपको ईनाम देने के लिए बुलाया जाएगा, तो अकेले बुलाया जाएगा। या फिर आपको ठगने का कोई दूसरा फंडा भी हो सकता है।
दरअसल, इस तरह के मैसेज पहले आपके मेल पर आते थे और अभी भी आ रहे हैं। अखबारों में जब ई-मेल द्वारा ठगी की खबरें प्रकाश में आई, तो लोग सतर्क हो गई। रिजर्व बैंक आदि ने भी जनहितार्थ इस आशय के विज्ञापन प्रकाशित किए थे, जिनमें किसी विदेशी बैंक आदि में रुपए न देने की आशय की बात कही थी। अपना अकाउंट किसी को नहीं बताने को कहा था और लोगों को सचेत किया था। स्टेट बैंक ऑफ इंदौर ने तो साफ तोर पर अपनी साइट पर इस आशय का नोटिस लगा रखा है कि एसबीआई बैंक कभी भी ग्राहक की जानकारी प्राप्त करने के लिए मेल नहीं भेजता है। अगर आप किसी संगठन से एसबीआई के नाम से ई-मेल प्राप्त करें जिसमें यूजर नेम व पासवर्ड पूछा हो या कोई पर्सनल जानकारी मांगी है, तो तुरंत रिपोर्ट करें। साफ है पहले की कुछ घटनाओं में ठगे लोगों की खबरें प्रकाश में आने पर कुछ सतर्क हुए, तो कुछ नहीं भी!
लेकिन, अब ठगने वाले की निगाह आपके मोबाइल पर पहुंच गई है। इस प्रकार के मैसेज आने पर सबको सावधान होने की जरूरत है।
-पंकज व्यास
2 comments:
इन लोगो को तो पकड़ के पीटने को मन करता है ,पहले मेल से करोड़पति बनाते थे अब sms से बनाते हैं
अच्छी सलाह दी है, आपने।
ध्यान रखा जायेगा।
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