Wednesday, September 23, 2009

अनाम शहीदों का श्राद्घकर्म किया

जब श्रधा कर्म चल रहा था तब किसी ब्लॉग पर मैंने इस आशय की पोस्ट पड़ी थी की क्या शहीदों का श्रद्धा कर्म किया जाता है ? बदनावर से पत्रकार जमील कुरैशी के सोजन्य से पेशा है ये समाचारज्ञात- अज्ञात शहीदों का श्रद्धा कर्म 5 (पाच) सालो से किया जा है। भविष्य में एक रपट भी पेश करूंगा।
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पंकज व्यास रतलाम

मध्य प्रदेश के धार जिले के बदनावर में यहां नागेश्वर मंदिर परिसर में स्थित शहीद गैलरी में भारत के अमर क्रांतिकारियों एवं अनाम शहीदों को याद करते हुए सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर उनकी आत्म शांति हेतु तर्पण एवं कर्मकांड कर पुष्पांजलि अर्पित की गई।


भारत माता मंदिर एवं शहीद गैलरी के संस्थापक शेखर यादव ने नागेश्वर कुंंड में विधि-विधान से यह रस्म पूरी की। पं। सुरेश शर्मा ने श्रृाद्घ कर्म संपन्न करवाया।

बाद में शहीद गैलरी में अमरी शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि व भारतमाता की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। राष्टï्रीय गीत बजाए गए। ब्राह्मïण भोजन कराया गया। दोपहर तक परिसर में धार्मिक, राष्टï्रीय व सामाजिक भावना का पुट लिए राष्टï्रीय उत्सव के समान माहौल बना रहा। श्रृद्घालुओं में अपार उत्साह था। क्रांतिवीरों की आत्मशांति हेतु भगवान भोलेनाथ व शनिदेव से भी विनती की गई।

कार्यक्रम में न।पं। अध्यक्ष प्रेमचंद परमार, मनोज सोमानी, मोहन सिंह चौहान, राष्टï्रीय कवि राकेश शर्मा, ओपी बना, ईश्वरसिंह डोडिया, धर्मेन्द्र शर्मा, कुशल यादव, रमेशचंद्र यादव, पत्रकार राजेन्द्र धोका, शीतल रावल, पुरूषोत्तम शर्मा, नवीन चौहान, जगदीश आत्मा, श्याम माथुर आदि कई गण्यमान्य व्यक्ति एवं श्रृद्घालु उपस्थित थे।

कार्यक्रम संयोजक ऊंकारलाल पंवार ने बताया कि आयोजन का यह पांचवा वर्ष था। इस अनूठे आयोजन के अलावा शहीद गैलरी में प्रति माह शहीदों की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रम भी होता है। आभार माना विक्रमसिंह पंवार ने। नागेश्वर कुंड में दिनभर स्नान करने वाले ग्रामीण श्रृद्घालुओं की भीड़ उमड़ती रही। परिसर में पौधारोपण भी किया गया।

3 comments:

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

साधुवाद!

मुकेश पाण्डेय चन्दन said...

salam !!
aapko bhi aur sradhkarm karane walo ko bhi.
sach kitne log hai jo dusro ke liye sochte hai . khas tour par hamre liye apni jaan kurwan karne wale saheedo ko to ham rasmi hi yaad kar leke santosh kar lete hai .

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

"कार्यक्रम संयोजक ऊंकारलाल पंवार ने बताया कि आयोजन का यह पांचवा वर्ष था। इस अनूठे आयोजन के अलावा शहीद गैलरी में प्रति माह शहीदों की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रम भी होता है। आभार माना विक्रमसिंह पंवार ने। नागेश्वर कुंड में दिनभर स्नान करने वाले ग्रामीण श्रृद्घालुओं की भीड़ उमड़ती रही। परिसर में पौधारोपण भी किया गया। "

संस्मरण अनुकरणीय है।
आभार!