Sunday, January 3, 2016

पठानकोट हमला: सेना व सरकार को मोरल सपोर्ट दो


पंकज व्यास, इंदौर/रतलाम
पठानकोट हमले के वक्त देश भर में सरकार की पाक के लिए नीतियों की समीक्षाएं हो रही है . भारत पाक पोलटिक्स पर जमकर कर आलोचनाएँ-समीक्षाएं हो रही है. अब जबकि देश के जवान शहीद हो रहे हो, आतंकवादियों से दो-दो हाथ कर रहे हो, हमें समीक्षा, आलोचनाएँ करने की बजाय सेना व सरकार का मनोबल बढ़ाना चाहिए। समीक्षाएं, आलोचनाएँ बाद में भी हो सकती है.

आप किसी भी राजनीतिक दल, धर्म-मजहब, या विचारधारा से ताल्लुकात रखते हो, उन सब से बढ़कर देश हित की बात होना चाहिए। आपकी देशभक्ति पर सवालिया निशान लगाना मेरा मकसद नहीं, लेकिन उस वक्त जबकि देश के जाबाज योद्धा आतंकियों को अपना पराक्रम दिखा रहे हो, अपना लहू बहा रहे हो, हम इस बात का ध्यान तो रख ही सकते है कि हमारी समीक्षाएं, टिप्पणियाँ, सोशल मीडिया एक्टिविटी सरकार व सेना का मनोबल बढ़ने वाली हो, सेना व सरकार का हौसला बढ़ाने वाली हो. मैदान में हौसले का रोल महत्वपूर्ण होता है. कम से कम हम सेना व सरकार को मोरल सपोर्ट तो दे ही सकते है. मैं आप से इस वक्त ये कहना पसन्द करूँगा कि -
भारत हित चिंतन हो,
मातृ भूमि का वंदन हो,
और लहू बहाते जो
उन वीर शहीदों का अभिनन्दन हो.

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