ब्लॉगवाणी को कुछ सुझाव
ब्लॉगवाणी को सुझाव सब दे रहे हैं। मैं मेरे मन-मानस में भी कुछ सुझाव आए हैं। मैं यह नहीं जानता हूं कि व्यवहारिक रूप से इन पर अमल किया जाना संभव है या नहीं, लेकिन इस अकिंचन के कुछ सुझाव हैं जरूर, उन्हें प्रस्तुत कर रहा हूं।
१. ब्लॉगवाणी में सर्च सुविधा नहीं है, उसे जोड़ा जा सकता है। विभिन्न प्रकार से सर्च करने की सुविधाएं जोड़ी जा सकतीं हैं।
2. जो-जो ब्लॉग ब्लॉगवाणी पर रजिस्टर्ड है, उन्हें आपस में चेटिंग करने की सुविधा भी दी जा सकती है।
३. ब्लॉगवाणी की लोकप्रियता इतनी तो है, कि अगर ब्लॉगवाणी के संचालक चाहे तो सामाजिक सरोकारों के मुद्दों पर पहल कर सकते हैं। अच्छा लगेगा।
4. आप सब जानते हैं गुगल में हिन्दी ब्लॉग पर एड याने विज्ञापन देने की सुविधा नहीं है। ब्लॉगवाणी के संचालक इस बात पर गौर कर सकते हैं कि क्यों न सीधे वे ही विज्ञापन लेना शुरू कर दें और ब्लॉग को एड सेंस दे दें। स्पष्टï रूप से मैं यहां ब्लॉगवाणी के खुद के एड सेंस शुरू करने का सुझाव दे रहा हूं।
पंकज व्यास, रतलाम
जरूर पढें मेरी आने वाली पोस्ट
प्रवीण जाखड़ जी और संगीतापुरी जी तो बहाना है, मुझे तो कुछ कर गुजरना है ...3
ब्लॉगवाणी को सुझाव सब दे रहे हैं। मैं मेरे मन-मानस में भी कुछ सुझाव आए हैं। मैं यह नहीं जानता हूं कि व्यवहारिक रूप से इन पर अमल किया जाना संभव है या नहीं, लेकिन इस अकिंचन के कुछ सुझाव हैं जरूर, उन्हें प्रस्तुत कर रहा हूं।
१. ब्लॉगवाणी में सर्च सुविधा नहीं है, उसे जोड़ा जा सकता है। विभिन्न प्रकार से सर्च करने की सुविधाएं जोड़ी जा सकतीं हैं।
2. जो-जो ब्लॉग ब्लॉगवाणी पर रजिस्टर्ड है, उन्हें आपस में चेटिंग करने की सुविधा भी दी जा सकती है।
३. ब्लॉगवाणी की लोकप्रियता इतनी तो है, कि अगर ब्लॉगवाणी के संचालक चाहे तो सामाजिक सरोकारों के मुद्दों पर पहल कर सकते हैं। अच्छा लगेगा।
4. आप सब जानते हैं गुगल में हिन्दी ब्लॉग पर एड याने विज्ञापन देने की सुविधा नहीं है। ब्लॉगवाणी के संचालक इस बात पर गौर कर सकते हैं कि क्यों न सीधे वे ही विज्ञापन लेना शुरू कर दें और ब्लॉग को एड सेंस दे दें। स्पष्टï रूप से मैं यहां ब्लॉगवाणी के खुद के एड सेंस शुरू करने का सुझाव दे रहा हूं।
पंकज व्यास, रतलाम
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प्रवीण जाखड़ जी और संगीतापुरी जी तो बहाना है, मुझे तो कुछ कर गुजरना है ...3
4 comments:
अच्छे सुझाव .. पर अमल हो सकता है या नहीं .. मैं नहीं कह सकती !!
ब्लॉगवाणी के संचालक बतायेंगे कि क्या संभव है.
स्वागतयोग्य सुझाव है।
आपको मेरा भी सुझाव है कि
शब्द-पुष्टिकरण हटा दें।
सुझाव तो अच्छे हैं....मगर शायद तकनीकी रूप से उतने आसान नहीं होंगे..विशेषकर विज्ञापन वाला...यदि सब संभव हो सके तो कहना ही क्या..
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