व्यवस्था में कमी पर लिखेंगें तो भी क्या मान हानि आड़े आएँगी
किसी का मन दुखाना हमारा मकसद न हो, किसी के सम्मान को हनी पहूचना हमारा इरादा न हो, और व्यवस्था की कमी को इंगित करना हमारा लक्ष्य हो तो क्या कोई मान हानि लगेंगी। व्यवस्था में कमी पर लिखेंगें तो भी क्या मान हानि आड़े आएँगी? ये प्रश्न मेरे जेहन में उठा रहा है और मुझे परेशां कर रहा हैं।
इस मामले में क्या?
4 comments:
aise maan hani hone lagi to media ke the end ho jayega. narayan narayan
Sabse zyada MAAN be-eMAAN meN hota hai.
aapne khud kaha kisi ko dukh pahynchana hamara maksad na ho, phir kya chinta hai bekhauf likho.
ब्लोगिंग जगत मे स्वागत है
शुभकामनाएं
भावों कि अभिव्यक्ति मन को सुकून पहुचाती है
लिखते रहिये लिखने वालों कि मन्ज़िल यही है
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
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